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मेक इन इंडिया

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मेक इन इंडिया

INITIATIVE FOR EVACUATION & CLEANING OF CRUDE OIL STORAGE TANK BOTTOM SLUDGE BY ROBOTIC PROCESS

The Evacuation and Cleaning of Tank Bottom Sludge is a crucial part of Major Overhauling and Inspection of Crude Oil Storage Tanks, for determining and improving the life span of the Tanks. The Robotic process is proposed to be introduced in this aforesaid operation as a technological advancement to reduce and mitigate the safety hazards associated with the Evacuation and Cleaning of Tank Bottom Sludge operation and to be carried out by indigenous vendor(s).

Current Status The initiative is in its early stage where technical specifications for floating of Tender are being finalized by considering the inputs of the allied Departments.

ओआईएल का मेक इन इंडिया का इतिहास: सफलता की कहानियां

कंपनी की स्थापना के बाद से आईआईएल मेक इन इंडिया का हिस्सा रहा है। तेल और गैस का अन्वेषण और उत्पादन पूर्णतया प्रौद्योगिकी आधारित व्यवसाय है जहां मुख्यवत: प्रौद्योगिकी का आयात किया जाता है। आईआईएल ने घरेलू तकनीक और सेवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अपने व्यवसाय में इनका उपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रमुख पूंजी परियोजनाओं की मुख्य विशेषताएं हैं:

पायनियर क्रूड ऑयल कंडीशनिंग प्लांट

ओआईएल ने क्रूड ऑयल कंडीशनिंग प्लांट स्‍थापित किया – जो एशिया में अपनी तरह का पहला संयंत्र है। 1963 में स्वदेशी तौर पर निर्मित यह संयंत्र दीर्घावधि पाइपलाइन द्वारा वैक्‍स क्रूड का परिवहन करने के लिए तकनीकी खोज और विकास करने हेतु ओआईएल के प्रयासों को प्रदर्शित करता है।

स्वदेशी ड्रिलिंग रिग्स करें

ओएलआईएल 08 का प्रयोग कर रही है, भेल के एओसीआर रिसाव की खोज और विकास ड्रिलिंग के लिए।1981 में कमीशन में यह भारतीय भारी विनिर्माण उद्योग के लिए ओआईएल के समर्थन को दर्शाता है।

स्वदेशी निर्मित वर्कओवर रिग्स

ओआईएल ने 1980 के दशक के मध्‍य में बीएचईएल द्वारा निर्मित 04 वर्कओवर रिग्‍स की स्‍थापना की, जो अभी भी कार्य कर रहे हैं। यह वास्‍तव में ओआईएल के उत्‍पादन में घरेलू तौर पर उपलब्‍ध उपकरणों का उपयोग करने के लिए ओआईएल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

20 मेगावाट कैप्टिव पावर प्लांट

कैप्टिरव बिजली उत्पादन के लिए वर्ष 2014 में दुलियाजान में एक 20 मेगावाट गैस टरबाइन बिजली संयंत्र चालू किया गया था। गैस टरबाइन और अन्य सभी सहायक उपकरण स्वदेश में ही बनाए गए हैं जो 'मेक इन इंडिया' के लिए ओआईएल की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा

ओआईएल ने राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में 150.3 मेगावॉट वाणिज्यिक पवन ऊर्जा संयंत्रों और राजस्थान में 14 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थांपना की है। इन विद्युत संयंत्रों को भारतीय अक्षय ऊर्जा कंपनियों द्वारा स्थापित और चालू किया गया था।

केंद्रीय गैस एकत्रीकरण स्टेशन

ओआईएल के केन्द्रीय गैस एकत्रीकरण स्टेशन और ऑफ टेक प्वाइंट को 2014 में चालू किया गया था जिसका उद्देश्‍य ओआईएल के क्षेत्रीय उत्पादन केंद्रों से समस्‍त सी2+ समृद्ध गैस को एकत्र करना था। इसे एक भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित और चालू किया गया था।

ड्रॉ वर्क्स टेस्ट बेंच

यह एक अनूठी सफलता की कहानी है जहां ड्रा वर्क्स टेस्ट बेंच का डिजाइन उपलब्ध उपकरण के साथ स्‍वदेशी तौर पर विकसित किया गया था, जिससे कंपनी के राजकोष में काफी मात्रा में बचत हुई है। वास्तव में यह 'मेक इन इंडिया' की दिशा में एक सच्‍चा प्रयास है।

कच्चे तेल के टैंक की मरम्मत

दुलियाजान में ओआईएल के केंद्रीय टैंक फार्म में कच्चे तेल के टैंक की मरम्मत स्थानीय उद्यमी और कौशल विकास की सहायता से किया गया एक अन्य उल्लेखनीय उदाहरण है। ओआईएल द्वारा प्रदान किए गए तकनीकी मार्गदर्शन से छोटे स्थानीय उद्यमी ने कच्चे तेल की टंकी की बेस प्लेट की मरम्मत के कार्य को नई विधि द्वारा सफलता पूर्वक पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

घरेलू सेवा प्रदाताओं को प्रोत्साहित करना

ओआईएल ने घरेलू सेवाओं को प्रोत्साहित किया और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें मुख्यधारा में लाया गया। स्वदेशी भारतीय कंपनियों की सेवाएं नियमित रूप से ली जा रही हैं और उनमें से कई ने वर्षों से खुद को भारतीय तेल और गैस क्षेत्र में प्रतिष्ठित कंपनियों के रूप में स्थापित किया है।

SDH Telecom Equipment

T&I Department (erstwhile Telecom section of Pipeline Department) of Pipeline Sphere ) has successfully deployed indigenously developed and build STM-16 SDH telecom equipment by Tejas Network Private Ltd. for its OFC backhaul communication network of more than 1200km in way back 2008 when most of such backbone networks in India were run on equipment sourced from outside India. This equipment has been operating since 2008 and later further upgraded in 2019 for higher capacity and is running smoothly till date.