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अनुसंधान और विकास

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अनुसंधान और विकास

ओआईएल का आरएंडडी मिशन, उच्चतम गुणवत्ता वाली प्रयोगशाला सेवाओं के जरिए, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाकर तथा पर्यावरण की देखभाल करके अन्वेषण, ड्रिलिंग, उत्पादन, कच्चे तेल के परिवहन और प्राकृतिक गैस, प्रदूषण निगरानी एवं नियंत्रण तथा ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के क्षेत्रों में ज्ञान आधारित, सक्षम और तकनीकी-आर्थिक रूप से व्यावहारिक समाधान उपलब्ध कराता है।

ओआईएल, दुलियाजान,असम में अपने निजी अनुसंधान एवं विकास केंद्र के जरिए अपने कार्यकलापों के विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकियों के उन्नयन और विशेषज्ञता को अत्यधिक महत्व देता है।

आरएंडडी केंद्र को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत आनेवाले वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग से भी मान्यता प्राप्त है। यह विभाग अत्‍यधिक परिष्‍कृत एवं नवीनतम प्रयोगशाला संबंधी सुविधाओं से लैस है। आरएंडडी विभाग पेट्रोलियम भू-रसायन, तेल क्षेत्र रसायनों, ड्रिलिंग और वर्क ओवर तरल पदार्थ, तेल रिकवरी में वृद्धि, कूप सक्रियता, प्रदूषण नियंत्रण, पेट्रोलियम जैव प्रौद्योगिकी, आदि जैसे अति विशिष्ट क्षेत्रों में अध्ययन कर रहा है।

कंपनी ने उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों -आईआईटी (बॉम्बे), आईआईटी (गुवाहाटी), आरजीआईपीटी, यूपी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एण्‍ड एनर्जी स्‍टडीस (यूपीईएस) और सीएसआईआर- इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) देहरादून के साथ सहयोगात्मक परियोजनाओं के लिए करार किया है।

भारतीय एकस्‍व कार्यालय में कम्‍पनी ने एकस्‍व संबंधी 7 आवेदन दाखिल किए हैं। कंपनी को अब तक 14 देशों में 5 एकस्‍व अधिकार प्राप्‍त हुए है; यथा:- भारत में 3, यूएसए में 4, रूस, ईयू और चीन में क्रमश: 2-2 और जापान में 1।

कंपनी कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, ड्रिलिंग, उत्पादन और परिवहन के क्षेत्रों में सामना की जा रही समस्याओं का उचित तकनीकी-आर्थिक समाधान प्रदान करने के लिए अपने आरएंडडी प्रयासों को और सुदृढ़करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कंपनी ने अपस्ट्रीम पेट्रोलियम क्षेत्र में विशेष रूप से अन्वेषण और जलाशय गतिविधियों दोनों को कवर करने वाले विभिन्न क्षेत्रोंके एकीकृत अध्ययन केंद्र अर्थात् ऊर्जा अध्ययन उत्कृष्टता केंद्र (सीओईईएस) की स्थापना की है।

सीओईईएस का विज़न ओआईएल को तकनीकी क्षमता और व्यापार निष्पादन के लिए वैश्विक तेल कंपनियों के समकक्ष नई खोज और विकास का केंद्र बनाना है। उपर्युक्त विज़न को पूरा करने हेतु, कंपनी ने ऐसे परिवेश का निर्माण करने के लिए सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, प्रयोगशाला सुविधाओं और विशेषज्ञता के मामले में उच्चस्तररीय सुविधाएं प्राप्त की हैं जो नई खोज और रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं। यह परंपरागत तेल और गैस क्षेत्र, अपरंपरागत हाइड्रोकार्बन और अन्य ऊर्जा क्षेत्र को शामिल करने वाली विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकियों से लैस है।

सीओईईएस कार्यकलाप ओआईएल के विज़न और कार्यनीति के अनुरूप है। केंद्र द्वारा व्यापक रूप से चुने गए क्षेत्रों में बेसिन मॉडलिंग, ईओआर / आईओआर, अपरंपरागत हाइड्रोकार्बन / वैकल्पिक ऊर्जा संसाधन, पर्यावरण अध्ययन और उद्योग अकादमी सहयोग शामिल हैं। यह केन्‍द्र शैक्षणिक समुदाय व राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय शोध संस्‍थानों के साथ सहकार्य करता है। इस केन्‍द्र की स्‍थापना के उपरांत उपरोक्‍त क्षेत्रों से संबंधित विविध परियोजनाओं को इस केन्‍द्र में पूर्ण किया गया है जिससे कि ओआईएल को कच्‍चे तेल के उत्‍पादन में सहयोग मिल सके। इस केन्‍द्र में तलछटीय, भू-रासायनिक व ईओआर प्रयोगशालाएँ मौजूद हैं।

सीओईएसएस को एमओपीएनजी, भारत सरकार की संवर्धित रिकवरी परियोजनाओं के पुन‍रीक्षण के लिए प्राधिकृत संस्‍थान के रूप में भी मान्‍यता प्राप्‍त है तथा भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध विभाग द्वारा भी आरएण्‍डडी संस्‍थान के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त है।